Saturday, September 14, 2019

Rajasthan Pharmacist Cader Pay Scale का आदर्श प्रारूप Post-1 Pharmacist



Rajasthan Pharmacist Cader Pay Scale

राजस्थान के सन्दर्भ में First Basic Post --PHARMACIST व उसका सम्पूर्ण विवरण  

Rajasthan Pharmacist Cader-Pharmacist
Pramotion
1. पदनाम Post:- Pharmacist फार्मासिस्ट।

2. प्रस्तावित वेतन श्रृंखला एवं ग्रेड-पे :- 9300-34800 (4200)

3. पद हेतु योग्यता तथा भर्ती की विधि :- रजिस्टर्ड/पंजीकृत फार्मासिस्ट, सीधी भर्ती द्वारा।



4. सीधी भर्ती हेतु योग्यता एवं अनुभव :- फार्मेसी में डिप्लोमा (Diploma in Pharmacy) और राज्य भेषजी परिषद् में पंजीकृत      फार्मासिस्ट,
                                                                                   अथवा
                                 फार्मेसी स्नातक (Degree in Pharmacy) और राज्य भेषजी परिषद् में पंजीकृत फार्मासिस्ट,
                                                                                     अथवा
                                      Master in Pharmacy राज्य भेषजी परिषद् में पंजीकृत फार्मासिस्ट।

5. कार्य स्थल :- सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों के ओ.पी.डी. एवं आई.पी.डी. दवा वितरण केन्द्रों पर एवं इंजेक्षन रूम में दवा के वितरण एवं संधारण करने हेतु प्रभारी के रूप में

6. पदनाम जिससे पदोन्नति की जावे :- NA

7. पदोन्नति हेतु योग्यता एवं अनुभव :- NA

8. पद की वर्तमान स्थिति :- राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कुल 16053 दवा वितरण केन्द्र स्थापित हैं जिसमें से समस्त मेडिकल कॉलेजां, सेटेलाईट अस्पताल, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) एवं प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र (पीएचसी) पर अभी केवल 4083 पदों पर ही फार्मासिस्ट के पद स्वीकृत हैं।

9. पद कहॉं स्वीकृत करने है :- समस्त उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अन्य चिकित्सा संस्थानों के समस्त 16053 ओ.पी.डी. एवं आई.पी.डी. दवा वितरण केन्द्रों पर, एवं इंजेक्षन रूम में औषधियों के वितरण, प्रबंधन एवं संधारण करने हेतु फार्मासिस्ट के पद स्वीकृत करने हैं।

10. पद की आवष्यकता :- औषधियाँ स्वास्थ्य तंत्र की जीवन रेखा होती है। स्वास्थ्य देखभाल तंत्र की सफलता इस पर निर्भर करती है कि विभिन्न संघटक जैसे औषधियों का ठीक से सेवन, लागत और प्रदाय, संसाधनों का तार्किक उपयोग, छीजन को न्यूनतम करना, तथा तर्कसंगत औषधियां लिखना कैसे काम करते हैं। फार्मासिस्ट उन्हें कार्यान्वित और सवंर्धित करने में पूर्णतः तल्लीन रहता है और इस प्रकार वह राष्ट्र की समग्र अर्थ व्यवस्था में योगदान करता है। फार्मासिस्ट औेषधियों के उचित भण्डारण, प्रबंधन, वितरण तथा उचित उपयोग, रोगियों को सलाह देने, औषधियों के तर्कसंगत चयन के बारे में औषधियाँ लिखने वालों को सलाह देने में सीधे-सीधे अंतर्कलित होता है। अतः रोगी की संपूर्ण देखभाल पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। 


जैसा कि विधित है कि फार्मेसी एक्ट 1948, ड्रग एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1940  हाथी कमेटीरपोर्ट 1975 तथा फार्मेसी प्रेक्टिस रैगुलेषन 2015  के तहत केवल फार्मासिस्ट ही विधिक तौर पर दवाईयों एवं सर्जिकल्स का वितरण एवं संधारण कर सकते है। सभी चिकित्सा संस्थानों के इंजेक्षन रूम, वार्ड तथा ओपीडी पर नर्सिंग कर्मियों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) द्वारा दवा का वितरण एवं संधारण किया जा रहा है जो कि फार्मेसी एक्ट 1948, तथा फार्मेसी प्रेक्टिस रैगुलेषन 2015 का खुला उल्लंघन है।
अतः इन सभी जगहों पर फार्मासिस्ट का कार्य करना अति आवष्यक है जिससे कि उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थय केन्द्रों के माध्यम से सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन किया जा सके एवं जनता को इसका पूर्ण लाभ मिल सके साथ ही विभिन्न विधिक आवष्यकताओं की भी अनुपालना हो सके।

11. पद का वित्तिय भार :- महोदय जी दवा वितरण केन्द्रों पर एवं इंजेक्षन रूम में फार्मासिस्ट के जो नये पद स्वीकृत होंगे उन पर पहले से ही नर्सिंंग कर्मी कार्य कर रहे हैं, इसके स्थान पर वे अस्पताल के विभिन्न वार्डों में अपनी सेवायें देंगे जहॉं उनकी ज्यादा जरूरत है। फार्मेसी एक्ट 1948,   हाथी कमेटी  रिपोर्ट 1975 तथा पीपीआर  2015 की अनुपालना में फार्मासिस्ट के पद सृजित करने से उन्हें वहॉं लगाकर सरकार को दक्षतापूर्ण अतिरिक्त कर्मचारी मिलेंगें जो चिकि0 एवं स्वा0 सेवाओं को और बेहतर बनाने व चिकि0 एवं स्वा0 विभाग के बजट खर्च को कम करने में सहायक होंगें, अतः राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आयेगा।


12. प्रयोजन,  कर्तव्य  और  उŸारदायित्वः-



प्रयोजन  :  फार्मेसी देखभाल और सेवा कारगर ढंग से प्रदान करने के लिए तकनीकी सेवाएँ  उपलब्ध  कराना  तथा  संभार-तंत्र  सहायता।


अस्पताल  में    :-पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी  के  औषधपत्र पर रोगी  को औषधियां देना।रोगी  को  सलाह देना  और  स्वास्थ्य  षिक्षा  देना। फार्मेसी  विभाग  के  प्रबंध  में    सहायता  करना। ए.डी.आर. का अभिलेख  रखना। अंतरंग रोगियों को  फार्मेसी  सेवाएँ  उपलब्ध  कराना। तात्कालिक  निर्मित और  विषेषीकृत उत्पाद निर्मित  करना। रोगी  की बेहतर  देखभाल के  लिए क्लिनिसियन  स्वास्थ्य  वृŸाक  के  साथ  चर्चा। औषधपत्र  सर्वेक्षण  करना  तथा  अनिवार्य  औषध  सूची  में    परिवर्तन  प्रस्तावित करना। औषधियों और गैर-औषधियों को  इंडेन्ट करना  और उसकी पड़ताल करना। ईकाई  के  उपस्करों और  अन्य प्रदायों का अभिलेख  रखना।अभिलेख  और साहित्य  का प्रलेख।


अनिवार्य  औषधियाँ  और  टीका  :-राज्य की वार्षिक  औषधि  आवष्यक  की मात्रा  की समीक्षा। विभिन्न अस्पतालों  के  भंडारियों  से प्राप्त  वार्षिक  मांग  सूचियों  का सत्यापन। वस्तु  सूची  मानिटरिंग,  भौतिक  सत्यापन और विष्लेषण  के लिए  अस्पतालों  का दौरा। औषधियों के प्रदाय  के लिए प्रदायकर्ताओं के साथ  पत्र  व्यवहार। सेवा  की गुणवŸा  में  सुधार के  लिए  भेषजिक  प्रदायों से  संबंधित  मुद्दों   पर विभाग  के  अन्य स्वास्थ्य  कर्मचारियों से चर्चा  करना। विभिन्न अस्पतालों  से पत्रव्यवहार करना  और  शीघ्र  एक्सपायरी  वाली  औषधियों को जुटाना








SPECIAL THANKS TO MR. GULSHAN CHABDA (PHARMACIST FROM GANGANAGAR RAJASTHAN) FOR  DEDICATION AND HARD WORK.

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